गाय आधारित जैविक खेती श्री रामकृष्ण ट्रस्ट द्वारा संचालित मुख्य गतिविधि है। कुकमा के डिमॉन्स्ट्रेशन फार्म में प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर यह खेती की जा रही है, ताकि गाय आधारित समृद्ध खेती को व्यापक रूप से प्रचारित किया जा सके और किसान गाय आधारित जैविक खेती कर सकें। यहाँ मुख्य रूप से गायो के लिए चारा और कुछ सब्जिया प्रमुख फसलें हैं। हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक किसानों को गाय आधारित जैविक खेती में परिवर्तित करना है। और इसके लिए हम एक आदर्श मॉडल बनाना चाहते हैं। और उस ही की ओर हमारा विनम्र प्रयास है।

- श्री रामकृष्ण ट्रस्ट 2001 से प्राकृतिक खेती कर रहा है। और जैविक खेती पर पूरा मार्गदर्शन भी दिया जाता है।
- कुल 100 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है।
- 1.5 एकड़ जमीन में मियावांकी जंगल बनाया गया है।
- 0.25 एकड़ भूमि में औषधीय प्लाट बनाया गया है। जहां विभिन्न प्रकार के पौधे उगाए जाते हैं।
- श्री रामकृष्ण ट्रस्ट में विभिन्न प्रकार की फसलें लगाई जाती हैं।
- सब्जियों की फसलें – दूधी, गिसोड़ी, खीरा, करेला, मूली, गाजर, मेथी, धनिया, पालक, प्याज, लहसुन,
- चारा फसलें – बाजरा, नेपियर, बाजरा, जौ, अदरक, गाजर, ज्वार, मक्का।
- अनाज की फसलें – गेहूं, ज्वार, बाजरा,
- बागवानी फसलें – चीकू, अनार, जामुन , छुआरा , केसर आम, नींबू, ड्रैगन फ्रूट (कमलम)।
- मसाले – मेथी, धनिया, राई,
- तेलीबिया फसलें – अरंडी, मूंगफली, सरसों, तील
- प्राकृतिक कृषि पध्धति का उपयोग करके फसलें उगाई जाती हैं और मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।
विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक खातर का उपयोग और उत्पादन
लिक्विड खाद :
- जीवामृत
- वर्मिवोस
- गौ मूत्र
- छासामृत
- आक का प्रवाही खाद
- ग्लिरिसिडिया का प्रवाही खाद
- शेवाल का प्रवाही खाद
घन खाद :
- सुपर कम्पोस्ट खाद
- प्रोम खाद
- भूमि सुधार खाद
- गो सिंग खाद
- घन जीवामृत
- गो समाधी खाद
- गाय के बाड़े का खाद