हवा, पानी और अन्न जीवन जीने के आधार हैं लेकिन आज ये तीव्र शहरीकरण व प्रकृति की उपेक्षा के कारण हमें अशुद्ध रूप में प्राप्त हो रहे हैं | इसके अलावा हमारी परंपरागत जीवन पद्धति प्रकृति के साथ तालमेल से चलती थी | दिनचर्या और ऋतुचार्य का उचित ढंग से पालन करना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग हुआ करता था | लेकिन आज लोगों को ऋतुओं का कोई ज्ञान नहीं रहा और दिनचर्या का कोई ठिकाना नहीं रहा | इन सबका स्वाभाविक परिणाम समाज में बीमारियों की तीव्र वृद्धि है | अतः आज के युग में आरोग्य का महत्व और भी बढ़ जाता है | इसे ध्यान में रखते हुए श्री रामकृष्ण ट्रस्ट आरोग्य की वृद्धि व भारतीय चिकित्सा पद्धति की प्रगति के लिए कार्यशील है |
सर्वप्रथम तो ट्रस्ट का प्राकृतिक परिवेश स्वयं आरोग्य की वृद्धि में सहायक है | परिसर में नीम, करंज, शमी जैसे औषधीय गुण वाले हजारों की संख्या में वृक्ष व अन्य पेड़-पौधे लगाये गए हैं | यहां का आवास वैदिक सीमेंट व अन्य प्राकृतिक सामग्रियों के उपयोग से बनाया गया है | सम्पूर्ण परिसर सुखद शांति की अनुभूति करवाता है | अतः वैसे सभी लोग जो विभिन्न प्रशिक्षण के लिए ट्रस्ट परिसर में आते हैं या स्थायी तौर पर यहां रहते हैं उन्हें स्वाभाविक रूप से स्वस्थ्य लाभ प्राप्त होता है |