श्री रामकृष्ण ट्रस्ट मुख्य रूप से समाज सेवा के उद्देश्य से स्थापित किया गया है | अतः यह ट्रस्ट विभिन्न सामाजिक कार्यों में सदा सक्रिय भूमिका निभाता है | सामाजिक कार्यों से संबंधित ट्रस्ट की विभिन्न गतिविधियों को हम निम्नलिखित बिंदुओं के अंतर्गत रख सकते हैं –
परिसर विकास योजना – अक्षय कृषि परिवार के साथ मिलकर हम ‘परिसर विकास योजना’ चला रहे हैं | इस योजना का उद्देश्य गांवों का सर्वांगीण विकास करना है | इस योजना के लिए अभी हमने कच्छ जिले के अटल नगर चरपेड़ी गांव का चयन किया है | हम पिछले 2 वर्षों से यहाँ ग्राम विकास संबंधी कार्य कर रहे हैं | इस योजना के अंतर्गत हम विकास के परंपरागत भारतीय दृष्टिकोण को पुनः स्थापित करना चाहते हैं | परंपरागत भारतीय दृष्टिकोण धर्म, संस्कृति व प्रकृति आधारित जीवनशैली को महत्व देता है | इसके तहत विकास की परिभाषा में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक संबंधों में समन्वय व दृढ़ता, प्राकृतिक ऊर्जा को महत्व, पशुपालन, ग्राम उद्योग, हस्तकला आदि के माध्यम से स्व-रोजगार आदि जैसे विषयों को शामिल किया जाता है | हमारा भी प्रयास है कि इन विषयों को केंद्र में रखकर पुनः ग्राम विकास की दिशा तय की जाए |
अटल नगर चरपेड़ी में इसके लिए हमने गौ-सेवा समिति, प्राकृतिक खेती समिति, मातृशक्ति समिति, शिक्षण समिति जैसी कुल 8 समितियां बनाई है | इनमें प्रत्येक समिति में 8 से 10 सदस्य हैं जो अपने- अपने निर्धारित विषय में ग्राम-विकास संबंधी निर्णय लेते हैं |
धरती पुत्र योजना – हमने प्राकृतिक कृषि क्षेत्र में जो अनुभव प्राप्त किया है इसका लाभ समाज को भी मिले इसके लिए हमारे द्वारा ‘धरती पुत्र योजना’ चलाई जा रही है | वैसे किसान जो गौ-आधारित प्राकृतिक खेती सीखना चाहते हैं तथा अपनी भूमि पर प्राकृतिक खेती प्रारंभ करना चाहते हैं, उनके लिए यह योजना है | इस योजना के अंतर्गत प्राकृतिक खेती की शुरुआत करने वाले किसानों को हम तकनीकी सहयोग प्रदान करते हैं | इस योजना के अंतर्गत हम किसानों को पहले वर्ष आधा एकड़, दूसरे वर्ष 1 एकड़, तीसरे वर्ष 4 एकड़, चौथे वर्ष 5 एकड़ तथा पांचवें वर्ष 10 एकड़ भूमि पर प्रकृति खेती करने का सुझाव देते हैं तथा उसी अनुरूप उन्हें यथासंभव अपनी तरफ से विभिन्न तकनीकि सहायता देते हैं | इस सहायता में प्राकृतिक खाद व कीटरोधक बनाने का प्रशिक्षण व मार्गदर्शन, मार्केटिंग सपोर्ट तथा यदि इनपुट की जरूरत हो तो जिन इनपुट का हम निर्माण कर रहे हैं उसे उपलब्ध करवाने का प्रयास आदि शामिल है | इसके अलावा जब भी आवश्यक हो हम किसानों के खेतों पर जाकर उनका मार्गदर्शन करते हैं | इस योजना के अंतर्गत हमारा ट्रस्ट अभी आसपास के 10 गांव के 100 किसानों का सहयोग कर रहा है |
हर घर औषधि वाटिका योजना – घर-घर में आरोग्यता का स्वाबलंबन हो तथा प्रत्येक घर को निरोगिता का वरदान मिले ! इस दृष्टि से हम हर घर औषधि वाटिका योजना चला रहे हैं | इसके अंतर्गत हमने निःशुल्क रूप से तुलसी, गिलोय, ग्वारपाठा, पत्थरकुट्टी, सहजन जैसे अति उपयोगी 5-6 औषधीय पौधे घर-घर पहुँचाने का लक्ष्य रखा है | इनके पत्तों व डंठलों का उपयोग स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं में लाभ पहुँचाता है |
पहले विभिन्न अनाज हमारे शरीर को बल व पुष्टि प्रदान करने वाले होते थे | लेकिन उर्वरकों व कीटनाशकों के प्रभाव व देशी बीजों के स्थान पर हाइब्रिड बीजों के उपयोग के कारण अनाजों की पौष्टिकता व उसके अन्य गुण कम हुए हैं | इस कारण कई बार पर्याप्त भोजन की उपलब्धता के बाद भी लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त रहते हैं | अतः आज प्रत्येक घर में इन उपयोगी पौधों का रहना आवश्यक है |
आरोग्यता संबंधी कार्य – आरोग्यता हमारे ट्रस्ट के कार्यों का एक प्रमुख आयाम है | समय-समय पर हमारे यहाँ आरोग्यता संबंधी शिविर चलते हैं | इसके अलावा ट्रस्ट के परिसर में आरोग्यता संबंधी सलाह व चिकित्सा के लिए वर्ष के 365 दिन एक डॉक्टर की व्यवस्था रहती है | कोई भी व्यक्ति निःशुल्क इस सेवा का लाभ ले सकता है |
इसके अलावा हमने एक आरोग्य कैलेंडर भी बनाया है, जिसमें आरोग्यता संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं | कैलेंडर में दिए गए सुझावों को अपनाकर पूरा परिवार विभिन्न बीमारियों से बचकर आरोग्यता की अवस्था प्राप्त कर सकता है | यह कैलेंडर हम लोगों को निःशुल्क देते हैं |
प्रशिक्षण व मार्गदर्शन – हमारे जितने भी कार्य-आयाम हैं, प्रशिक्षण के माध्यम से हम उन्हें अधिकतम लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं | गौ-आधारित प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण के लिए हम प्रत्येक माह की 12, 13, 14 तारीख को एक निःशुल्क शिविर का आयोजन करते हैं | हमारे अन्य कार्यों यथा पंचगव्य, हस्तकला, प्राकृतिक आवास व्यवस्था, ग्रामोद्योग, नवीकरणीय ऊर्जा आदि के प्रशिक्षण के लिए भी कोई व्यक्ति वर्ष के 365 दिन कभी भी यहां आ सकता है | इसके लिए यहां ‘काम करके सीखने’ की व्यवस्था है |
प्रतिदिन मुलाकात के लिए भी यहां कई लोग आते हैं | उन्हें भी यहाँ से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए मार्गदर्शन मिलता है | उनके भोजन व चाय-पानी की व्यवस्था भी निःशुल्क रूप से हम करते हैं |
विद्यार्थियों व विभिन्न सामाजिक संगठनों का समूह भी यहां ग्रामीण व्यवस्था के मॉडल को देखने-समझने आता है | हम उनका पूरा मार्गदर्शन व सहयोग करते हैं |
फोटोग्राफी व वीडियो बनाने की अनुमति – कई लोग यहाँ के प्राकृतिक व ग्रामीण दृश्यों को देखकर व्यक्तिगत व व्यावसायिक दृष्टि से परिसर में फोटोग्राफी व वीडियो बनाने के इच्छुक होते हैं | हम उन्हें भी ऐसा करने की अनुमति देते हैं |
कौशल विकास समर कैंप – स्कूली बच्चों के लिए गर्मी की छुट्टी में उनके कौशल विकास के लिए प्रतिवर्ष एक 10 दिवसीय समर कैंप का आयोजन हमारे ट्रस्ट की ओर से किया जाता है | इस कैंप में व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पंचगव्य व हस्तकला से संबंधित विभिन्न कौशल कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाता है | माधापुर गांव के एम. एस. वी. हाई स्कूल में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होता है | इस तरह के 13 कैंप अभी तक हमने पूरे किए हैं |
सामाजिक संगठनों को सहयोग – समाज सेवा अथवा किसी भी अच्छे कार्य में सक्रिय सरकारी, धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं-संगठनों-मंचों को कार्य करने के लिए हम अपने परिसर के निःशुल्क उपयोग की छूट देकर उनका सहयोग करते हैं | ऐसी संस्थाएं हमारे यहां शिविर लगा सकती हैं व आवश्यक हो तो यहां के आवासीय सुविधा का उपयोग कर सकती हैं | अच्छे कार्य में संलग्न व्यक्तियों व संस्थाओं को आवश्यकता पड़ने पर दान देकर भी हम सहयोग करते हैं |
चारे के लिए सहयोग – गर्मी के दिनों में पशुओं के लिए घास-चारे की कमी हो जाने के कारण ये महंगे हो जाते हैं | मालधारी यहां का एक प्रमुख पशुपालक वर्ग है | ये इन गर्मी के दिनों में अपने पशुओं के लिए कई बार पर्याप्त चारे की व्यवस्था नहीं कर पाते | अतः गर्मी के 3-4 माह तक हमारे ट्रस्ट की ओर से कुछ मालधारी परिवारों को निःशुल्क चारा उपलब्ध करवाया जाता है |
परंपरागत ग्रामीण जीवनशैली का प्रचार-प्रसार – परंपरागत भारतीय ग्रामीण जीवनशैली का महत्व व इसके पीछे के वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रचार- प्रसार अत्यंत आवश्यक है | इस प्रचार-प्रसार से ही समाज की मानसिकता में इन विषयों को लेकर सकारात्मक बदलाव आएगा | अतः इन विषयों का प्रचार-प्रसार हम विभिन्न माध्यमों से करते हैं –
इंटरनेट – लोग हमारे सभी कार्यों को अच्छे से समझें व उससे सीख सकें इसके लिए हमने अपने वेबसाइट shreeramkrushnatrust.org पर अपने सभी कार्य-आयाम यथा प्राकृतिक कृषि, गोपालन, हस्तकला आदि पर विस्तारित आलेख प्रकाशित किए हैं | इन्हें पढ़कर पाठक इन विषयों पर एक गहरी समझ विकसित कर सकते हैं | इसके अलावा ट्रस्ट के यू ट्यूब चैनल Shree Ram Krushna Trust पर भी ट्रस्ट के कार्यों से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध है | ट्रस्ट अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी सक्रिय होकर इन विषयों का प्रचार कर रहा है |
साहित्य – हमने विभिन्न विषयों पर कई पुस्तक-पुस्तिकाओं का प्रकाशन किया है | श्री मनोज भाई सोलंकी ने प्राकृतिक खेती के अपने अनुभवों को गुजराती व हिंदी में एक पुस्तक ‘गाय आधारित प्राकृतिक खेती एक अनुभव’ में प्रकाशित किया है |
‘एक कदम प्रकृति की ओर’ पुस्तक हमारे ट्रस्ट के विभिन्न कार्यों व अनुभव विषय पर है |
इसके अलावा विभिन्न पंचगव्य उत्पादों व हमारे अन्य उत्पादों के निर्माण की विधि से सम्बंधित अलग-अलग पुस्तिका हमने प्रकाशित की है | प्राकृतिक कीटरोधी दवाओं, जैविक खाद आदि बनाने की विधियों से संबंधित भी हमने एक पेंपलेट बनाया है | इन सब पठन सामग्रियों को हम निःशुल्क वितरित करते हैं |
फिल्म निर्माण – गौ आधारित प्राकृतिक कृषि व प्राकृतिक कृषि करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2018 में हमने ‘जब जागे तब सबेरा’ नाम से गुजराती व हिंदी में एक फिल्म का निर्माण किया था | इस विषय पर यह संभवतः भारत की पहली फिल्म है | इसका व्यापक प्रभाव जनमानस पर देखने को मिला | इस फिल्म में हमने मुख्य रूप से गौ आधारित प्राकृतिक खेती के महत्व तथा गांव वालों के द्वारा अपने सामूहिक प्रयास से प्राकृतिक खेती करने को दिखाया है | इस फिल्म के माध्यम से प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक खाद, कीटनियंत्रक आदि बनाने की पूरी विधि बताई गई है | यह फिल्म हमारे यूट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध है | त्रि- दिवसीय कृषि प्रशिक्षण व अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए हम इस फिल्म को दिखाते हैं |
गीतों की सीडी – पर्यावरण व गौ माता के प्रति समाज में जागरूकता आए इसके लिए इन विषयों पर गीतों की एक ऑडियो सीडी बनाई गई है | इसमें शामिल किये गए गीत श्री रामकृष्ण ट्रस्ट के पूर्व प्रमुख स्वर्गीय महेश भाई सोलंकी ने लिखे थे |
यज्ञ आयोजन – जनकल्याण के लिए यज्ञ के भौतिक व आध्यात्मिक लाभ को समझते हुए हमने अपनी संस्था में दैनिक अग्निहोत्र यज्ञ के आयोजन का प्रावधान किया है | यज्ञ के लिए हमने एक सुंदर यज्ञशाला – महर्षि दयानंद सरस्वती यज्ञशाला भी बनवाई है | सितंबर 2023 में ट्रस्ट के परिसर में हमने एक 7 दिवसीय वर्षा महायज्ञ जिसे पर्जन्य यज्ञ कहते हैं, का आयोजन भी करवाया था |
गौ कथा का आयोजन – समाज में गौ माता का महत्व स्थापित हो व इस सम्बन्ध में एक समझ बने, इसके लिए हमने कुछ समय पूर्व मधापर गांव में एक गौ कथा का आयोजन करवाया था |
कारीगरी मेला का आयोजन – हमारे द्वारा परंपरागत कारीगर व कारीगरी को प्रोत्साहित करने के लिए एक चार दिवसीय कारीगरी मेला का भी आयोजन किया गया था |
स्वदेशी मेला का आयोजन – लगभग 5 वर्ष पूर्व माधापुर गांव में स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए हमने एक तीन दिवसीय स्वदेशी मेला का आयोजन किया था |
इस प्रकार श्री रामकृष्ण ट्रस्ट सामाजिक जीवन में जागृति आए इसके लिए निष्ठापूर्वक अपने भिन्न-भिन्न कार्यों के माध्यम से अनवरत रूप से सक्रिय है |