महेशभाई सोलंकी ‘बेनाम’ नर्सरी

श्री रामकृष्ण ट्रस्ट, कुकमा में महेश भाई सोलंकी ‘बेनाम’ नर्सरी का संचालन किया जा रहा है | वर्तमान में इसमें लगभग 40 किस्मों के 8000 पौधे हैं | नर्सरी में हम कई श्रेणी के पौधों का पालन व विकास करते हैं, जिनमें मुख्य रूप से-

1)   घरेलू उपयोग वाले औषधीय पौधे,

2 )  पक्षियों को आश्रय व फल देने वाले वृक्षों के पौधे तथा

3 )  छायादार वृक्षों के पौधे शामिल हैं |

घरेलू उपयोग वाले औषधीय पौधों को उगाने और विकसित करने का मुख्य उद्देश्य है – ‘हर घर औषधि वाटिका’ के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना | आज लोग अपने घरों में विभिन्न सजावटी पौधों को लगाते हैं, जिनमें कोई विशेष औषधीय गुण नहीं होते | लेकिन हमारी संस्कृति में घर के आंगन व द्वार पर औषधीय गुणों वाले पौधों को लगाने की परंपरा थी | हमारा प्रयास है की लोग पुनः अपने घर – आंगन में ऐसे पौधों का रोपण करें ताकि छोटी-मोटी बीमारियों का उपचार स्वयं से कर सकें |

पहले अन्न भी औषधीय गुणों से युक्त हुआ करते थे लेकिन आज कृषि में रासायनिक खादों व कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के कारण ये जहर युक्त हो गए हैं | अतः औषधीय गुणों से युक्त पौधों को घर में लगाना व इनका उपयोग करना आज ज्यादा जरूरी हो गया है |

‘हर घर औषधि वाटिका’ की संकल्पना को ध्यान में रखकर घरेलू उपयोग के औषधीय पौधों जैसे तुलसी, गिलोय, पत्थरकुट्टी, सहजन, अडूसी, हडसाकर आदि में से किसी 5 पौधों का हम निःशुल्क वितरण करते हैं |

खेतों में या गांव में पक्षियों को आश्रय व भोजन देने वाले वृक्षों में सेतुर, मीठी आंवली, बूंदी, पीलू , उमरो, शेतुर आदि प्रमुख हैं | इन वृक्षों के भी पौध (Sapling) तैयार कर ट्रस्ट के द्वारा ग्रामीणों व किसानों को निःशुल्क प्रदान किया जाता है |

बरगद, पीपल, नीम, करंज जैसे छायादार वृक्षों के पौध (Sapling) का भी हम विकास कर इनका ग्रामीणों के बीच वितरण करते हैं |

इस प्रकार चयनित पौधों व वृक्षों के पौध (Sapling) का विकास कर ट्रस्ट हर वर्ष 4 से 5 हजार की संख्या में इनका निःशुल्क वितरण करता है |

उपरोक्त प्रकार के पौधों-वृक्षों के संरक्षण-संवर्धन के अलावा हमारी नर्सरी में लेमन ग्रास, मीठा व कड़वा ग्वारपाठा, चनौठी, ब्राह्मी, रीठा, भूमि आंवला, मड़वा, स्नेक प्लांट, निर्गुंडी, तुलसी की विभिन्न प्रजाति, करंज, गुग्गल, ग्लिरिसिडीया, मेंहदी, सर्पगंधा, अश्वगंधा, गुंदा, इमली, अडूसा, सिंदूर, टेपियोका, नेपियर घास, शकरकंद व बहुत से विलुप्त होते वृक्षों के पौधों का संरक्षण व विकास भी किया जा रहा है |

ट्रस्ट की नर्सरी में मल्टी लेयर फार्मिंग, किचन कम्पोस्ट व विभिन्न प्राकृतिक खादों यथा पंचगव्य तरल खाद, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स व माइक्रोएंजाइम खाद पर भी प्रयोग-परीक्षण किए जा रहे हैं |

इस प्रकार हमारे ट्रस्ट द्वारा संचालित नर्सरी चयनित पौधों-वृक्षों के संरक्षण; समाज के लिए उपयोगी पौधों के वितरण व विभिन्न प्रयोग – परीक्षण में समग्रता से संलग्न है |